लखनऊ :
तेलीबाग से एक दर्जन तालाब हुए लापता,बचे चार का अस्तित्व खतरे में।।
तेलीबाग खरिका मे तालाब घोटाला।
दो टूक : राजधानी लखनऊ के नगर निगम के खरिका वार्ड प्रथम व द्वितीय के
तेलीबाग में 16 तालाब थे जिसमें मौजूदा समय पर शेष चार तालाब बच्चे हैं 12 तालाब गायब हो गए शेष बचे हुए चार तालाबों पर नगर निगम के आलाअधिकारियों की मिली भगत से इन तालाबों पर अवैध निर्माण कब्जा होते जा रहे हैं, तालाबों की जमीन खत्म होती जा रही है कागजों में तालाब बने हुए हैं अवैध निर्माण करवाने वाले रजिस्ट्री कराई हैं 34,35,36,38 में कब्जा ले रहे हैं तालाब की जमीन 57,58,108, 156 में तालाबों की जमीनों को खुर्द-बुर्द् कर अवैध निर्माण कार्य जारी हैं सभी क्षेत्रवासियों से अनुरोध है तालाब पोखर बचाओ अभियान सभी मिलकर बढ़-चढ़कर चलाओ अभियान जिससे हमारे क्षेत्र के यह तालाब पोखर बच सके और इन बचे हुए तालाब का, सुंदरीकरण हो जिससे हमारे क्षेत्र में जल संरक्षित हो जिससे हमारे क्षेत्र का जल स्तर हमेशा समान बना रहे, हमारे क्षेत्र में जल की आपूर्ति कभी ना हो हमेशा जलपूर्ति बनी रहे
विस्तार :
बताते चले कि जनहित मे समय समय पर
अदालतों ने तालाबों के संरक्षण के लिए कई गाइडलाइन जारी की हैं, जिनमें कहा गया है कि तालाबों पर कोई भी व्यक्ति अधिकार नहीं रख सकता और उन्हें अतिक्रमण से मुक्त कराया जाना चाहिए।।और
तालाबों को उनके मूल स्वरूप में संरक्षित किया जाना चाहिए और उनका मनमाने ढंग से पुनर्वर्गीकरण या दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। जल ही जीवन है, इसके बिना जीवन संभव नहीं है। इसलिए हर कीमत पर बचाया जाय। जलाशयों पर किसी प्रकार के अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जा सकती। समाज मे जागरूक लोग ही अधिकतर जल स्रोतों पर कब्जा कर उनका मूल बदल रहे है। और जिम्मेदार आर्थिक लाभ प्राप्त कर आने वाली स्वयं की पीढियों को आनेको संकट मे झोक रहे है दुर्भाग्य है कि इसके बावजूद तालाब से अतिक्रमण हटाने की मांग में याचिकाएं आए दिन आदालतों मे पहुंची रही हैं।।
◆तालाबों को लेकर लेखपाल की तैय की जाए जबाब देही।
राजस्व कर्मचारी लेखपाल (पटवारी) एक राजस्व अधिकारी है जो अपने क्षेत्र की जमीन, संरक्षित भूमि, जैसे तालाब, से संबंधित सभी रिकॉर्ड रखता है, जिसमें जमीन का स्वामित्व, माप, और किसी भी अतिक्रमण या अवैध कब्जे की जानकारी शामिल है। वह जमीन से जुड़े विभिन्न मामलों, जैसे कि खरीद-बिक्री या बंटवारे में सहायता करता है कभी लेखपाल पैमाईश कर तालाब कहीं और बताता है दूसरा लेखपाल उसी तालाब की पैमाईश कर कहीं और बताता है इस तरह धीरे धीरे तालाब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर तालाब घोटाला हो जाता है। आज प्राकृतिक जलाशय तालाब लखनऊ शहर से गायब हो गया। इसकी न कोई एफआईआर दर्ज हुई और न तलाश शुरु किया आदालत के आदेशों का पालन करना तो दूर की बात है।
