लखनऊ :
सनातन धर्म त्याग और बलिदान पर खड़ा हुआ है : डॉ० मोहन भागवत।।
दो टूक : गुरु तेग बहादुर सिंह के 350वें शहीदी दिवस पर गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड अयोध्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डा. मोहन भागवत जी ने माथा टेक कर गुरु तेगबहादुर सिंह जी के अमर त्याग और बलिदान को याद करते हुए उनको नमन किया।
गुरुद्वारा में उपस्थित सिख समाज एवं धर्मानुयायियों को संबोधित करते हुए सरसंचालक जी ने कहा कि, धर्म, न्याय मानवीय मूल्यों और अधिकारों की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर जी द्वारा दिया गया बलिदान हम सबके लिए जीवन का संदेश है। सनातन धर्म त्याग और बलिदान पर खड़ा हुआ है, इसकी हमें प्रेरणा मिलनी चाहिए। सदैव प्रेरणा देने वाले जीवन हमारे पास रहे हैं। गुरु महाराज की परंपरा ऐसे समय रही है जब लगता था कि धर्म रहेगा या नहीं परंतु फिर भी धर्म रहा। धर्म के लिए ये जीवन कैसा होना चाहिए वह गुरु महाराज ने जी कर दिखाया, केवल बताया नहीं। हमें कोई दाना पानी देता है तो हम उसके उपकृत हो जाते हैं और यदि कोई हमें ज्ञान देता है कि हमारा जीवन कैसा हो तो हमारा पूरा समाज शाश्वत काल के लिए ऋणी रहेगा, तब तक जब तक यह जीवन रहेगा। एक ही समय में सब परिवर्तन नहीं होगा परन्तु धीरे-धीरे समाज उनका अनुसरण करके जीवन में परिवर्तन लाएगा । ऐसे स्थान पर आने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ और मेरा जीवन धन्य हो गया ।
गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरजीत सिंह खालसा ने सरसंघचालक जी को सरोपा भेंटकर उनका स्वागत किया। ज्ञानी गुरजीत सिंह ने कहा की अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरे विश्व के सनातनी लोगों के एक सपने को साकार करना है।
इस अवसर पर गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड साहेब के ऐतिहासिक महत्त्व के सम्बन्ध में प्रमुख ग्रंथी जी ने बताया कि इस गुरुद्वारे में प्रथम गुरु नानक देव जी, गुरु तेगबहादुर जी एवं दशम गुरु गोविन्द सिंह जी का भी आगमन हुआ था। इस अवसर पर शबद कीर्तन का भी आयोजन किया गया और कड़े प्रसाद का भी वितरण हुआ।
इस मौके पर ५२ पीठाधीश्वर पूज्य महंत वैदेही बल्लभ शरण सहित कई संत महन्तों की उपस्थिति रही, संघ के अखिल भारतीय अधिकारियों में स्वांतरंजन जी , इन्द्रेश जी , प्रेम कुमार जी, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र प्रचारक अनिल जी, क्षेत्र प्रचार प्रमुख सुभाष जी, अखिलेश जी, प्रांत प्रचारक कौशल जी, प्रचार प्रमुख डा.अशोक दुबे व राम जन्मभूमि क्षेत्र के सचिव चंपत राय जी ट्रस्टी अनिल मिश्रा जी के अलावा सिख समाज से महंत बलजीत सिंह चरणजीत सिंह मनिंदर सिंह गुरविंदर सिंह मनीष वसंथानी गुरबीर सिंह सोढ़ी और सुनीता शास्त्री उपस्थित रहे।।
गुरु तेगबहादुर सिंह जी को याद करते हुए उनको नमन किया।
