लखनऊ :
72 वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह का हुआ शुभारम्भ।।
डिजिटल तकनीकी के कारण प्रशासन में पारदर्शिता आई है : सूर्य प्रताप शाही।।
दो टूक : अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अंतर्गत 72वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह का शुभारम्भ आज लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह सभागार में कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान, मंत्री उ०प्र० सूर्य प्रताप शाही तथा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सहकारिता, उत्तर प्रदेश जे०पी०एस० राठौर ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लि० के सभापति जितेन्द्र बहादुर सिंह ने की।
विस्तार :
प्रदेश के कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान, मंत्री उ०प्र० सूर्य प्रताप शाही ने इस अवसर पर कहा कि महात्मा गौतम बुद्ध ने कहा था कि संघे शक्ति कलयुगे। संघ की शक्ति को देखना है तो, उसकी झलक सहकारिता विभाग में दिखाई देती है। वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में सहकारिता विभाग की स्थिति अत्यन्त दयनीय थी। 2017 में योगी सरकार बनने केे उपरान्त सहकारिता विभाग में क्रंातिकारी परिवर्तन हो रहे है। प्रदेश के किसानों का विश्वास इसमें बढ़ा है। आप लोगों के सहयोग से सहकारिता निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंन्द्र मोदी ने 2014 में डिजिटल इंडिया की नींव रखी। करोड़ों लोगों के जनधन के खाते खोले गये। किसान सम्मान निधि की अनुदान राशि अब सीधे किसानों के खाते में हस्तान्तरित की जा रही है। इसमें 50 लाख सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
कृषि मंत्री ने कहा कि आज डिजिटल तकनीकी के कारण प्रशासन में पारदर्शिता आई है तथा इससे यह जानकारी प्राप्त करना सरल है कि सहकारी समितियों के पास कितनी खाद की उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि 08 साल पहले सहकारी बैंकों से किसान धनराशि अन्तरित करता था, पंरन्तु आज वह सहकारी बैंकों में पैसा जमा कर रहा है। सहकारिता के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। जिलों में किसानों के लिए पर्याप्त खाद उपलब्ध है।
कार्यक्रम के दौरान श्री जे०पी०एस० राठौर ने उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक द्वारा “सहकार से समृद्धि” की परिकल्पना को साकार करने के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में सहकारिता योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। उन्होंने बी-पैक्स सदस्यता महा अभियानदृ2025 की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 20 लाख से अधिक सदस्य सहकारिता से जुड़े हैं तथा 38.47 लाख रुपये का अंशधन संकलित हुआ है। अभियान के अंतर्गत जिला सहकारी बैंकों में जमाराशि के रूप में 457 करोड़ रुपये की प्राप्ति सहकारिता तंत्र में जनविश्वास का मजबूत संकेत है।
कार्यक्रम में सहकार सारथी पहल पर भी प्रकाश डाला गया। श्री राठौर ने बताया कि सहकारी बैंकों को CBS, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई, एईपीएस, ई-केवाईसी सहित अनेक तकनीकी सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर Shared Service Entity (SSE) का गठन किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक द्वारा 5.22 करोड़ रुपये का इक्विटी योगदान किया गया है।
सहकारिता क्षेत्र को डिजिटल स्वरूप प्रदान करने के उद्देश्य से एम-पैक्स में क्यूआर कोड आधारित भुगतान व्यवस्था लागू की गई है। इस सुविधा के माध्यम से प्रदेश भर के किसान एवं उपभोक्ता अपने मोबाइल से स्कैन कर भुगतान कर सकेंगे, जिससे लेन-देन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सरल एवं सुरक्षित होगी। यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान तथा प्रदेश सरकार की सहकारिता के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसी क्रम में राज्य में 5686 एम-पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन की प्रक्रिया प्रगति पर है, जिसे तीन चरणों में पूरा किया जा रहा है। कम्प्यूटराइजेशन से पैक्स के कार्यों में पारदर्शिता और कार्यकुशलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक देश का पहला सहकारी बैंक है जिसे UIDAI द्वारा आधार कार्ड बनाने हेतु Registrar एवं Enrollment Agency के रूप में अधिकृत किया गया है।
बैंक द्वारा साइबर सुरक्षा के नए मानकों को अपनाते हुए CBS प्रणाली को सुदृढ़ किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024दृ25 में बैंक ने 100.24 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है तथा सभी 40 शाखाएँ लाभ में रही हैं, जो बैंक की मजबूत वित्तीय स्थिति एवं प्रभावी संचालन का प्रमाण है।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, सहकारिता श्री सौरभ बाबू, आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता श्री अनिल कुमार सिंह, महाप्रबंधक नाबार्ड सुश्री नन्दिनी घोष, उपमहाप्रबंधक नाबार्ड सुश्री रिचा बाजपेई, पूर्व डी.आई.जी. (सतर्कता) डा0 अरविन्द चतुर्वेदी सहित सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सम्पर्क सूत्र- संजय कुमार/ ओबैदुर रहमान
