रविवार, 12 अक्टूबर 2025

सुल्तानपुर :राम का आदर्श अपनायें राजनीतिज्ञ - बाबा बजरंगदास।।||Sultanpur:Politicians should adopt the ideals of Ram - Baba Bajrangdas.||

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सुल्तानपुर :
राम का आदर्श अपनायें राजनीतिज्ञ - बाबा बजरंगदास।।
◆नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा का तीसरा दिन ।
दो टूक : अयोध्या की राजगद्दी पर बैठने के बाद राजा राम जनता के सामने हाथ जोड़कर खड़े हुए । उन्होंने कहा कि मुझसे राजकाज में जब भी कोई गलती हो तो कोई भी व्यक्ति मुझे टोक सकता है। जनता का आदेश सर्वोपरि होगा । आज के राजनीतिज्ञों को भी चाहिए कि वह राम का यह आदर्श अपनायें। यह बातें प्रसिद्ध कथावाचक बाबा बजरंगदास ने कहीं।
वह जूनियर हाईस्कूल मैदान में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के तीसरे दिन कथा सुना रहे थे। 
सती और पार्वती की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि पार्वती का जन्म पूर्वजन्म में सती के रूप में हुआ था जिन्होंने अपने पिता दक्ष के यज्ञ में स्वयं को अग्नि में भस्म कर लिया था। सती को अग्नि में इसलिए जलना पड़ा था क्योंकि उन्होंने रामकथा पर टिप्पणी की थी । अगले जन्म में उन्होंने पर्वतराज हिमालय और मैना के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया । पार्वती के जन्म के बाद महर्षि नारद पहुंचे उन्होंने हिमांचल की पत्नी मैना से कहा कि आपकी पुत्री बहुत भाग्यवान है लेकिन इसका पति योगी , नग्न और अकामी होगा। यह कह कर नारायण महामंत्र का जप करते हुए नारद चले गए लेकिन मैना चिंतित हो गईं । पार्वती का उद्देश्य भगवान शिव को फिर से पति के रूप में प्राप्त करना था। उन्होंने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया।
 बाल व्यास सम्पूर्णानंद ने कहा रामकथा धर्म, मर्यादा और भक्ति का संदेश देती है। यह मनुष्य को पापों से मुक्ति दिलाती है और जीवन को पवित्र बनाती है। रामकथा केवल भगवान राम के जीवन और कार्यों का वर्णन ही नहीं करती है बल्कि इसमें कर्तव्य पालन, सत्य निष्ठा और दैवीय प्रेम के मूल्यों को भी उजागर किया जाता है। जिससे जन सामान्य में नैतिकता का प्रसार होता है। 
संचालन वरिष्ठ साहित्यकार मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने किया। संयोजक सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने राम दरबार के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर एडवोकेट जयशंकर तिवारी, अरविंद सिंह मालापुर, सभासद बृजेश सिंह, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि,राम जियावन मोदनवाल समेत अनेक प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।