रविवार, 12 अक्टूबर 2025

गौतमबुद्धनगर:: पत्नी के लिए पति बना ‘जीवनदाता’: करवाचौथ पर दिया सबसे अनमोल तोहफा, खुद की किडनी दान कर बचाई पत्नी की जान!!

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गौतमबुद्धनगर:: पत्नी के लिए पति बना ‘जीवनदाता’: करवाचौथ पर दिया सबसे अनमोल तोहफा, खुद की किडनी दान कर बचाई पत्नी की जान!!

 !!वरिष्ठ संवाददाता देव गुर्जर!!

दो टूक :: नोएडा। करवाचौथ के अवसर पर जहां महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, वहीं नोएडा निवासी एक पति ने इस पर्व को सच्चे अर्थों में जीवन समर्पण का प्रतीक बना दिया। 50 वर्षीय पवन रावत ने अपनी पत्नी मनीषा रावत को गहनों और वस्त्रों से नहीं, बल्कि अपने शरीर का हिस्सा देकर ऐसा उपहार दिया, जिसकी मिसाल मिलना कठिन है। उन्होंने करवाचौथ के मौके पर अपनी पत्नी को किडनी दान कर जीवनदान दिया

दरअसल, वर्ष 2021 में 47 वर्षीय मनीषा रावत को क्रोनिक किडनी डिज़ीज (CKD) से पीड़ित पाया गया था। यह एक गंभीर बीमारी है, जिसमें गुर्दे धीरे-धीरे अपनी कार्यक्षमता खो देते हैं। लगातार इलाज के बावजूद अप्रैल 2025 में उनकी दोनों किडनियां फेल हो गईं। डायलिसिस और थेरेपी से भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट को ही एकमात्र विकल्प बताया।

परिवार के अन्य सदस्यों ने किडनी दान से इंकार कर दिया, लेकिन पति पवन रावत ने बिना किसी झिझक के कहा—
“पत्नी का जीवन बचाना मेरा धर्म और कर्तव्य है, मैं उसके लिए अपना हिस्सा देने को तैयार हूं।”

इसके बाद नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में नेफ्रोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट डायरेक्टर डॉ. अनुजा पोरवाल, यूरोलॉजी एंड रीनल ट्रांसप्लांट डायरेक्टर डॉ. पीयूष वार्ष्णेय और उनकी टीम ने 10 अक्टूबर को ट्रांसप्लांट सर्जरी की। करीब तीन घंटे चली यह हाई-रिस्क सर्जरी पूरी तरह सफल रही।

डॉ. अनुजा पोरवाल ने बताया कि मनीषा को पहले दो बार कार्डियक अरेस्ट भी हो चुका था, इसलिए यह ट्रांसप्लांट बेहद चुनौतीपूर्ण था। लेकिन पति का साहस और उनके अटूट प्रेम ने सभी के लिए प्रेरणा का कार्य किया। डॉ. वार्ष्णेय ने कहा—
“पति-पत्नी के इस समर्पण ने दिखा दिया कि प्रेम सिर्फ शब्दों में नहीं, कर्मों में भी झलकता है।”

करवाचौथ के इस पावन अवसर पर पति द्वारा पत्नी को दिया गया यह “जीवन का उपहार” समाज में न केवल प्रेम और समर्पण की मिसाल बना, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि सच्चा रिश्ता वही है, जिसमें एक जीवन दूसरे के लिए सांसें बन जाए।।