लखनऊ :
STF ने दो साइबर जालसाजों को गाजियाबाद से किया गिरफ्तार।
दो टूक : एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को IGMS (Integrated Grievance Management System), IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India), NPCI (National Payments Corporation of India), RBI (Reserve Bank of India) के अधिकारियों का प्रतिरूपण कर Insurance Policy Holder को यूनिट वैल्यू से अधिक मैध्योरिटी एमाउन्ट दिलाने का प्रलोभन देकर Insurance/Cyber Fraud करने वाले संगठित गिरोह के दो
सदस्य दीपक तिवारी, बादल वर्मा को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया।
विस्तार:
साइबर क्राइम की रोकथाम व साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ उ०प्र० की विभिन्न टीमों/ इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में श्री विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एस०टी०एफ०, उ०प्र० के पर्यवेक्षण में एस०टी०एफ० मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि डा० लाल सिंह गंगवार वैज्ञानिक भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के साथ दिनांक 14.03.2025 से लगातार 24.03.2025 तक फोन व व्हाटसएप पर वार्ता करने के मध्य उनको कूटरचित / फर्जी जीबीआई बांड पेपर भेजकर उनके लाइफ इन्श्योरेंस में यूनिट वैल्यू से अधिक मैच्योरिटी एमाउन्ट दिलाने का प्रलोभन देकर रू0 3.66,890- फर्जी बैंक खातों में स्थानान्तरित करवा लिया गया था, जिसके सम्बन्ना में डा०
लाल सिंह गंगवार द्वारा थाना साइबर क्राइम लखनऊ में मु०अ०सं० 56/2025 धारा 318 (4) बीएनएस, 319 (2) बीएनएस व 66 सी 66 डी आईटीएक्ट पंजीकृत कराया गया।
उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विशेषज्ञता के आधार पर एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए दिनांक 27-08-2025 को एसटीएफ उ०५० व थाना साइबर क्राइम, लखनऊ की टीम द्वारा आफिस न० 440 चौथी मंजिल क्लाउड वैशाली, बाना कौशाम्बी, गाजियाबाद से उपरोक्त दोनो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।
गिरफ्तार अभियुक्त दीपक तिवारी उपरोक्त ने पूछताछ में बताया कि पूर्व में यह 2012 से 2015 तक दा विजन लाइफ इंश्योरेंस ब्रोकर सेक्टर 22 नोयडा में टैलीकालिंग का काम कर चुका है। 2016 से 2020 तक विभिन्न आफिसों में रेंट पर कम्प्युटर लगाने का काम करता था। कोविड के समय पर इस व्यापार में उसका घाटा हो गया। वर्ष 2022 में उसने राजनगर एक्सटेंशन में भैयाजी नाम से रेस्टोरेंट खोला, पर इस व्यापार में भी उसका घाटा हुआ और काफी लोन हो गया। दिसम्बर 2024 में उसकी मुलाकात प्रेम चौधरी से हुई। प्रेम चौधरी ने बताया कि एक आफिस ले लो हम लोग इंश्योरेंस में साइबर फाड़ का काम करेंगे। इसके बाद दीपक तिवारी उपरोक्त द्वारा जनवरी 2025 में क्लाउड 9 वैशाली गाजियाबाद में एक आफिस लिया गया। यहा पर करन शर्मा, बादल वर्मा, प्रेम चौधरी व दीपक तिवारी इंश्योरेंस में साइबर फाड का काम करने लगे। यह लोग गूगल सर्च से सरकारी संस्थानों में पोस्ट लोगों का डेटा प्राप्त कर खुद को इंश्योरेंस कम्पनी का अधिकारी बताकर उनका विश्वास हासिल कर यूनिट वैल्यू से अधिक मैध्योरिटी एमाउन्ट दिलाने का प्रलोभन देकर Insurance/Cyber Fraud करने लगे। इस गिरोह द्वारा मोबाईल फोन से काल व काटसएप कर इंश्योरेंस धारक को बताया जाता था कि आपको हर छ महीने पर जो बेनीफिट मिलना चाहिए उसका वैल्यू लेटर आ रहा है कि नहीं, तब कस्टमर द्वारा मना कर दिया जाता था तो इस गिरोह के सदस्य उनको बताते थे कि इस लाभ को लेने के लिए आपको एजेंट कोड हटवाना होगा, जिसकी फीस 20 हजार से 90 हजार तक उनके द्वारा बताये गये बैंक खातों में जमा करना होगा। यह बैंक खाते 20 प्रतिशत के कमीशन पर करन शर्मा व प्रेम चौधरी द्वारा लिए जाते थे। जब कस्टमर द्वारा यह एमाउंट जमा कर दिया जाता था तो इन लोगों द्वारा अलग अलग IGMS, IRDAL, NPCI, RBI अधिकारियों के नाम के कूटरचित आईडी कार्ड व दस्तावेज भेजकर पालिसी सटेलमेंट चार्ज, एफीडेबिट बार्ज, सीआरएस लेटर बार्ज, सर्विस चार्ज आदि तरीके से साइबर फ्राड करते थे और ठगी से आये रूपये को आपस में बांट लेते थे।
गिरफ्तार अभियुक्त बादल वर्मा उपरोक्त द्वारा दीपक तिवारी की बातों का समर्थन करते हुए बताया गया कि करन शर्मा व प्रेम चौधरी के साथ उसकी कई वर्षों से दोस्ती है। उसने रिलायंस कम्यूनीकेशन में 2019 से 2020 तक जाब किया। 2021 से अगस्त 2024 तक एक माइक्रो फाइनेंस कम्पनी में वैशाली गाजियाबाद में टैली कालर की जाब किया। इसके बाद फरवरी 2025 से दीपक तिवारी, प्रेम चौधरी, व करन शर्मा के साथ मिलकर Insurance/Cyber Fraud का काम करने लगा। पिछले 07 महीने में इस गिरोह द्वारा लगभग 15-20 बैंक खाते जो कमीशन पर लिये गये थे, जिनमें लगभग 50-60 लाख का साइबर फ्राड किया गया है।
अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते. वालेट की जानकारी/परीक्षण व गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जायेगा।
उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना साईबर क्राईम, लखनऊ में पंजीकृत मु०अ०सं० 56/2025 धारा चारा 318(4), 319(2), 336(3), 338, भारतीय न्याय संहिता 2023 एवं 66सी, 60डी आईटी एक्ट में दाखिल किया गया है। आवश्यक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
