लखनऊ :
महिला हेल्प डेस्क कर्मियों का दो दिवसीय प्रक्षिक्षण शिविर का हुआ आयोजन।।
दो टूक : लखनऊ रिजर्व पुलिस लाइन मे
पुलिस उपायुक्त, अपराध कमलेश कुमार दीक्षित की अध्यक्षता एवं सहायक पुलिस आयुक्त, महिला एवं अपराध सुश्री सौम्या पाण्डेय के नेतृत्व में यूनिसेफ (UNICEF) की विशेषज्ञों की टीम के सहयोग से 2 व 4 अगस्त 2025 को आयोजित किया गया।
आयोजित प्रशिक्षण शिविर मे संवेदन शीलता, व्यवहार परिवर्तन एवं क्षमता निर्माण,मनोवैज्ञानिक और कानून पर आधारित रहा।
विस्तार :
पुलिस महिला हेल्प डेस्क पीड़ितों के लिए प्राथमिक संपर्क बिंदु है, जहाँ पुलिस कर्मियों का संवेदनशील व्यवहार मामलों की गुणवत्तापूर्ण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों (जैसे घरेलू हिंसा, दहेज, यौन उत्पीड़न, पॉक्सो आदि) के मामलों में पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता और व्यावहारिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से कमिश्नरेट लखनऊ से समस्त थानों के महिला हेल्प डेस्क पर कार्यरत समस्त महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक द्विदिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मियों को कानूनी प्रक्रियाओं के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण से परिचित कराया गया।
◆प्रशिक्षण के प्रमुख उद्देश्य/मुख्य बिंदुः
संवेदनशीलता और सहानुभूतिः पीड़ित महिलाओं और बच्चों की मानसिक स्थिति को समझना, किसी भी पूर्वाग्रह के बिना पीड़ित की बात सुनना और सम्मानपूर्वक व्यवहार करना एवं उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाना।
विश्वास निर्माणः ऐसा वातावरण बनाना जहां पीड़ित बिना किसी डर या झिझक के अपनी पूरी बात रख सके।
मनोवैज्ञानिक सहायताः
आवश्यकता पड़ने पर उन्हें उचित मनोवैज्ञानिक सहायता या परामर्श के लिए मार्गदर्शन करना।
विशिष्ट मामलों की संवेदनशीलताः घरेलू हिंसा, दहेज, विवाहेतर संबंध, यौन उत्पीड़न, पॉक्सो जैसे कानूनों के तहत मामलों को संभालने के लिए विशेष संवेदनशीलता और प्रक्रियाओं का पालन करना।
प्रशिक्षण का महत्वः
महिला हेल्प डेस्क, महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों से संबंधित मामलों में पहली संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करती है। ऐसे मामलों में पुलिस कर्मियों का व्यवहार अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
कई बार कानूनी प्रक्रिया के दौरान संवेदनशीलता और उचित व्यवहार की कमी पीड़ितों को अपनी बात खुलकर कहने से रोकती है। ऐसे में उनका संवेदनशील, धैर्यवान और सहायतापूर्ण व्यवहार पीड़ितों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मियों को मनोसामाजिक पहलुओं, कानूनी प्रावधानों और व्यवहारिक समाधानों पर विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से हेल्प डेस्क के कर्मियों में व्यवहारिक परिवर्तन लाना है ताकि वे पीड़ितों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव को समझते हुए उनसे१ बेहतर तरीके से बातचीत कर सकें।
प्रशिक्षकों में शामिल विशेषज्ञः
रामायण यादव (प्रोफेसर एवं निदेशक, विज्ञान फाउंडेशन)
सुश्री कुसलप्पा (निदेशक, सपोर्ट एंड रिहैबिलिटेशन इन फील्ड प्रोटेक्टिव हेल्थ ट्रस्ट, बैंगलोर)
सुश्री निमिषा तिवारी (मनोवैज्ञानिक प्रैक्टिशनर एवं सामाजिक सुरक्षा प्रशिक्षक)
सुश्री रिजवाना परवीन (मंडलीय तकनीकी संसाधन व्यक्ति, EVAWCH, यूनिसेफ)