लखनऊ :
टेक्नोवेदा की थीम पर स्कूल में लगी वेद विज्ञान संगम की प्रदर्शनी,रही आकर्षण का केन्द्र।।
◆विज्ञान के अमृत-स्रोत बहते हैं वेदों की ऋचाओं में।”
दो टूक : राजधानी लखनऊ के वृन्दावन योजना सेक्टर 8 मे स्थित स्काईलार्क वर्ल्ड स्कूल मे शनिवार को टेक्नोवेदा की थीम पर वेद और विज्ञान की लगी प्रदर्शनी
कल्पना, जिज्ञासा और प्रेरणा से जीवंत हो उठा और वेद विज्ञान और गुरु शिष्य का संगम बनी प्रदर्शनी अभिभावकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा।
विस्तार:
स्काईलार्क वर्ल्ड स्कूल मे शनिवार को ‘टेक्नोवेदा 2.0’ का आयोजन हुआ। स्वयं नाम ही — तकनीक और वैदिक ज्ञान का अद्भुत संगम — हमारी कक्षा 12 की छात्रा आरना कुलश्रेष्ठ द्वारा दिया गया, जो विद्यार्थियों की गहन सोच को दर्शाता है।
कार्यक्रम की शुरुआत जोश के साथ हुई। आयोजन में मुख्य अतिथि डॉ. आलोक कुमार कृष्ण जी, डॉ. आर. के. मित्रा जी, डॉ. धर्मेंद्र सिंह जी और कर्नल बाजपेयी जी की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। विद्यालय के सचिव श्री खेमराज जी, प्रधानाचार्या श्रीमती सुषमा सोनी जी एवं उपप्रधानाचार्या श्रीमती सोनिया प्रभाकर जी ने अतिथियों का स्वागत किया।
दीप प्रज्ज्वलन और भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुति के साथ इस भव्य आयोजन का शुभारंभ हुआ।
जीव और जलवायु पर्यावरण पर बच्चों हुनर रहा मनमोहक।।
नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों (प्री-प्राइमरी से कक्षा 2) ने जैव विविधता, सौरमंडल, वनस्पति जीवन और अन्य विषयों पर अपने विचारों को मॉडलों के माध्यम से साकार किया। वहीं कक्षा 3–5 के छात्रों ने रोबोटिक्स, राष्ट्रीय प्रतीक, रात्रिचर जीव और जलवायु प्रभाव पर अपनी कल्पनाशीलता से सबका मन मोह लिया। कशिका श्रीवास्तव द्वारा बनाया गया रोबोट और साँची स्तूप विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
वरिष्ठ वर्ग (कक्षा 6–12) के विद्यार्थियों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जलीय कृषि, सौर इन्वर्टर, पेरिस्कोप, वर्षाजल संचयन और बायोगैस संयंत्र जैसे नवाचार एवं सतत विकास पर आधारित प्रोजेक्ट्स से दर्शकों को प्रभावित किया। ये केवल मॉडल नहीं थे, बल्कि बेहतर कल की दृष्टि को साकार करते सपने थे।
दो विशेष परियोजनाएँ सबका दिल जीत गईं:
• कक्षा 9 के छात्रों — प्रांजल पांडे, देवांश दीक्षित, हुसैन खान , आशीष नयन मोहन और रूद्रांश गुप्ता द्वारा निर्मित सौर ऊर्जा संचालित बाइक।
• कक्षा 10 के छात्र केशव माहेश्वरी की माइक्रोबियल फ्यूल परियोजना, जिसे ₹10,000 की जिला स्तरीय छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई और जिसका उद्देश्य खेती में क्रांति लाना और बिजली के उत्पादन में वृद्धि है।
परंपरागत ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के अद्भुत समन्वय।
स्काईलार्क के लिए यह गर्व का क्षण रहा जब मुख्य अतिथि ने इन दोनों परियोजनाओं को व्यावसायिक उपयोग हेतु समर्थन और वित्तीय सहयोग प्रदान करने की घोषणा की, जिससे विद्यार्थियों की मेहनत और शोध की सार्थकता सिद्ध हुई।
कार्यक्रम का समापन स्मृति-चिह्न वितरण, जलपान और अभिभावकों व अतिथियों की गूंजती तालियों के बीच हुआ। सभी ने विद्यालय द्वारा परंपरागत ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के अद्भुत समन्वय के माध्यम से नवाचार को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की प्रशंसा की।
स्काईलार्क में टेक्नोवेदा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक दर्शन है। यह हमारी उस यात्रा को दर्शाता है, जो वेदों की शाश्वत ज्ञानधारा से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता की असीम संभावनाओं तक फैली है, और विद्यार्थियों को विचारक, समस्या-समाधानकर्ता और जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनने की दिशा में मार्गदर्शन करती है।
◆“मणि शोभती जैसे मुकुट पर, नाग के सिर,शोभता विज्ञान भी है वेद के हर ग्रंथ में स्थिर।”
टेक्नोवेदा 2.0 न केवल एक प्रदर्शनी रही, बल्कि विज्ञान, रचनात्मकता और अनुसंधान का जीवंत उत्सव साबित हुई, जिसने स्काईलार्क वर्ल्ड स्कूल के शैक्षणिक वातावरण में नई ऊर्जा का संचार किया।
विद्यालय के स्वाती मिश्रा, रुचि महेश्वरी, नेहा पटेल, अमित कुमार वर्मा व अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे।