गोण्डा- कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने महिला कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को निर्देशित किया कि बालश्रम रोकथाम को लेकर अनवरत अभियान चलाते रहें तथा जहां भी बाल श्रम कराते हुए पाया जाय, उन सेवायोजकों के विरूद्ध तत्परता से कार्यवाही की जाय। शीघ्रता से कार्यवाही होने पर बाल श्रम मुद्दों में कमी आयेगी। इसके उपरान्त उन्होंने जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के साथ ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों की बैठक, बाल विवाह, चाइल्ड हेल्पलाइन (डीसीपीयू व रेलवे), बाल श्रम उन्मूलन की समीक्षा, राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड व सामान्य), स्पान्सरशिप (प्रवर्तकता कार्यक्रम), वन स्टाप सेंटर, हब फॉर इम्पावरमेंट आफ वुमेन, शक्ति सदन, एनसीपीसीआर संयुक्त कार्ययोजना, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न, उप्र रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान निर्देशित किया कि स्पांशरसिप योजना में अधिक से अधिक पात्र बच्चों को जोड़ा जाय।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० रश्मि वर्मा, क्षेत्राधिकारी शिल्पा वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी एसपी सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, सीडब्लूसी अध्यक्ष प्रेमशंकरलाल श्रीवास्तव, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येन्द्र सिंह, डा. सौम्या चौबे, अखलाक अहमद, चन्द्रमोहन वर्मा, चेतना सिंह, आशीष मिश्रा, शिवेन्द्र श्रीवास्तव, मनोज कुमार, राजकुमार आर्य, निधि त्रिपाठी, पंकज राव, सिद्धनाथ पाठक आदि मौजूद रहे।