गोंडा- गांवों की समस्याएं अब फाइलों में नहीं, फील्ड में हल हो रही हैं। डीएम ने एक बार फिर जिले मे चौपाल की शुरुवात की है।
शुक्रवार को हुए ग्राम चौपाल 3.0 कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने खुद गांव-गांव जाकर न सिर्फ ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं, बल्कि अधिकारियों को साथ लेकर मौके पर ही समाधान सुनिश्चित किया। यह पहल एक परंपरा नहीं, बल्कि प्रशासनिक सोच में बदलाव की दिशा में एक ठोस कदम है।
ग्राम चौपाल 3.0 की शुरुआत पूर्व समीक्षा और रणनीतिक योजना के साथ हुई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर आईजीआरएस, समाधान दिवस, जनता दर्शन और अन्य प्लेटफार्म से प्राप्त शिकायतों की सघन पड़ताल की गई। जिन ग्राम पंचायतों से बार-बार समस्याएं आ रही थीं, उन्हें चिन्हित कर प्राथमिकता के आधार पर चौपाल आयोजन के लिए चुना गया। सभी संबंधित अधिकारियों को न केवल सूचना दी गई, बल्कि स्पष्ट निर्देश दिए गए कि शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए।
शुक्रवार को जिलाधिकारी ने विकासखंड झंझरी, इटियाथोक और मुजेहना की पाँच ग्राम पंचायतों — जानकी नगर, पारासराय, धानेपुर, भरथौली और बेसहूपुर में चौपाल लगाई। ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उन्होंने संपर्क मार्गों की स्थिति, विद्युत आपूर्ति, शौचालय निर्माण, नाली, राशन वितरण, अविवादित विरासत जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा की और अधिकारियों को मौके पर ही त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
ग्राम पंचायत जानकी नगर में चौपाल के दौरान रानी पुरवा गांव के समस्त ग्रामवासियों द्वारा नाली निर्माण की मांग किया गया।
ग्राम पंचायत पारासराय में ग्रामीणों के द्वारा शिकायत की गई की आंगनवाड़ी मिथिलेश कुमारी कभी आती नहीं है। जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी को आंगनबाड़ी मिथिलेश कुमारी को नियमानुसार नोटिस देकर सेवा समाप्त करने निर्देश दिए हैं। शिकायतकर्ता राम प्रकाश ने अवगत कराया की मेरा नाम घरौली में नहीं चढ़ा है जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार को निर्देश दिये हैं कि जांच कराकर नाम चढ़वाया जाय।
ग्राम पंचायत भरथौली में चौपाल के दौरान अवगत कराया गया कि शिकायतकर्ता सालिकराम के द्वारा पिछले कई महीनों से चकरोड एवं तालाब पर अवैध कब्जा के संबंध में 75 शिकायतें आईजीआरएस पर की गई है। जिस पर जिलाधिकारी ने दोनों पक्षों को मौके पर बुलाकर वार्ता करके शिकायत को निस्तारित कराया।
जानकीनगर में मजरा रानीपुरवा के ग्रामवासियों द्वारा नाली निर्माण की समस्या को अवगत कराया गया। जिस पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को मौके पर भेजकर दोनों पक्षों के बीच समाधान कराकर नाली निर्माण करने के निर्देश दिए हैं।
जब ग्रामीणों ने बेसहूपुर बताया कि गांव में विद्युतीकरण का कार्य अधूरे पर बंद कर दिया तो डीएम ने विद्युत विभाग को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तत्काल सुधार नहीं हुआ, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय है।
ग्राम चौपाल 3.0 का लक्ष्य सिर्फ शिकायतों को सुनना नहीं, बल्कि उनके समाधान की गुणवत्ता और स्थायित्व सुनिश्चित करना भी है। जिलाधिकारी स्वयं गांव- गांव जाकर यह देख रही हैं कि जो समाधान दिए गए हैं, वे प्रभावी और दीर्घकालिक हैं या नहीं।
इस चौपाल में प्रशासनिक मशीनरी की पूरी ताकत झोंकी गई। मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश, नगर मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा, उप जिलाधिकारी सदर गोंडा अशोक कुमार गुप्ता, अपर उपजिलाधिकारी द्वितीय विशाल कुमार, तहसीलदार सदर गोंडा मनीष कुमार, नायब तहसीलदार देवेंद्र कुमार यादव, नायब तहसीलदार सदर गोंडा रंजन वर्मा, परियोजना निदेशक चंद्रशेखर, जिला विकास अधिकारी सुशील कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला प्रोवेशन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी और संबंधित ब्लॉकों के खंड विकास अधिकारी चौपाल में उपस्थित रहे और मौके पर ही निर्णय लिए।