लखनऊ :
कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में जल्द ही शुरू होगी तंबाकू निषेध क्लीनिक।।
◆80% कैंसर रोगी तंबाकू उपभोक्ता होते हैं: प्रो०MLB भट्ट।।
दो टूक : विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैसर संस्थान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी थीम 'प्रलोभन का पर्दाफाश थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तबांक उत्पादों से होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज को यह समझाना है कि समय पर और उचित इलाज से कैंसर का बचाव किया जा सकता है।
विस्तार :
शनिवार को लखनऊ के कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैसर संस्थान में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर जन जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मदन लाल ब्रह्म भट्ट, निदेशक ने तंबाकू सेवन के हानिकारक प्रभावों पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि जो लोग पान-मसाला, सुपारी, तंबाकू, खैनी, गुटखा आदि का सेवन करते हैं उन्हें कैंसर के खतरे को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि 80% कैंसर रोगी तंबाकू उपभोक्ता होते हैं इसलिए लोगों को इस सच्याई से आंखें नहीं चुरानी चाहिए। युवाओं को बहकाने और उन्हे लत लगाने के लिए तंबाकू और निकोटिन उद्योग बेईमानी से काम कर रहे हैं, सिर्फ अपने मुनाफे के लिए हर दिन ये उद्योग नई पीढ़ी को निशाना बनाते है और मौजूदा उपयोगकर्ताओं को बनाए रखने के लिए ऐसे उत्पाद तैयार करते हैं जो जानबूझकर लत लगाने वाले होते हैं। इनके भ्रामक प्रचार और चालाक रणनीतियों बच्चों और युवाओं को फँसाने के लिए बनाई जाती है। हमें इस उद्योग द्वारा चलाये जा रहे भ्रामक विज्ञापनों तथा प्रचार-प्रसार से अपने युवा पीढ़ी को सुरक्षित रखना होगा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि पब्लिक हेल्थ विभाग और निदेशक, केएसएसएससीआई के पर्यवेक्षण में जल्द ही संस्थान में एक तंबाकू उन्मूलन क्लीनिक (Tobacco Cessation Clinic) शुरू किया जाएगा।
डॉ प्रमोद कुमार गुप्ता, रेडिएशन ऑकोलाजी और डॉ. आयुष लोहिया, पब्लिक हेल्थ विभाग, ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। अपने स्वागत भाषण में डॉ. आयुष लोहिया ने कहा कि भारत में हर 4 में से 1 व्यक्ति तंबाकू का सेवन करता है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में खपत शहरी क्षेत्र की तुलना में अधिक है। जो महिलाएं तबोकू का सेवन करती है वह भी कैंसर से पीड़ित हो सकती है। डा० आयुष लोहिया ने यह भी उल्लेख किया कि 20% कैसर रोगी स्मोकलेस तंबाकू सेवन के कारण 10% धूम्रपान और 3% दोनों प्रकार के सेवन से पीड़ित होते है। यहां तक कि पान, सुपारी और कत्था का सेवन भी कैसर जैसे मुंह का कैंसर, मसूड़ों और तालू के कैंसर का कारण बन सकता है।
आज के कार्यक्रम में डॉ विजेंद्र कुमार, मुख चिकित्सा अधीक्षक, डॉ वरुण विजय, चिकित्सा अधीक्षक श्री रजनी कांत वर्मा, वित्त अधिकारी तथा अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे।
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