आजमगढ़ :
हत्यारोपी ने पुलिस को बताई घटना को अंजाम देने की हैरान करने वाली वजह।
घटना में प्रयुक्त चाकू, तीन खाली बीयर की कैन व कपड़े बरामद।
।।सिद्धेश्वर पाण्डेय।।
दो टूक ,आजमगढ़ जनपद के थाना कप्तानगंज के गौरा गांव निवासी युवक की हत्याकाण्ड मामले का पुलिस ने 24 घंटे के अन्दर खुलासा करते हुए दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया उनके पास से घटना में प्रयुक्त चाकू, तीन खाली बीयर की कैन और कपड़े बरामद हुआ है। पुलिस ने स्वाट व सर्विलांस टीम की मदद से घटना के पर्दाफाश करने में सफलता पाई है।
विस्तार :
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 2 मई को सोहराज पुत्र नियाज अहमद निवासी ग्राम थाना कप्तानगंज ने थाने में तहरीर देकर अवगत कराया था कि उसके बेटे फहद की किसी अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धारदार हथियार से गले, पेट व सिर पर वार और गमछे से हाथ बांधकर हत्या कर दी गयी। पुलिस से मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। विवेचक विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा की गई विवेचना में मोहम्मद हामिद उर्फ सद्दाम पुत्र मोहम्मद सलमान व आतिफ खान पुत्र मेराज निवासीगण ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने आतिफ को छाता का पुरा हाइवे पुल के नीचे से बीती रात गिरफ्तार कर लिया, वहीं दूसरे अभियुक्त हामिद उर्फ सद्दाम पुत्र मोहम्मद सलमान को बीती रात जेहरा पिपरी से पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में अभियुक्त मोहम्मद हामिद उर्फ सद्दाम ने बताया कि मृतक फहद के दोस्त संगम से मेरे छोटे भाई सहवान से एक महीने पहले कहासुनी हुई थी और कई बार उसने मेरी बहन को आते जाते कमेन्ट करता था जिसको लेकर मैंने फहद को डांटा भी था। उसके बाद मैं अपनी मौसी के घर चला गया, जब मैं घर आया तो फहद ने मुझे जान से मारने की धमकी दी, जिससे मैं डर गया और उसकी हत्या करने की योजना बनाई। एक मई को जब मैं सरायमीर से अपने घर आया तो शाम को करीब चार बजे फहद मुझे नशे की हालत में मिला और मुझसे कहा कि तुम कमाकर आये हो मुझे पार्टी दो। इस बात की सूचना मैंने अपने दोस्त आतिफ खान को दी। आतिफ और फहद शाम को मोटर सायकिल से पार्टी करने के लिए कोइनहा बाजार गये और तीन बीयर की कैन खरीदी और लक्ष्मी यादव के बंद पड़े इट भट्ठे के पास गये। जहां हम तीनों ने बीयर पी। जब फहद काफी नशे में हो गया, तब मैंने अपने पास लिए चाकू से फहद की गर्दन को रेत दिया, कुछ समय बाद उसकी मौत हो गयी। उसके बाद मैंने दूसरा कपड़ा पहनकर हम दोनों सुबाष पुत्र गिरजा के घर बहूभोज में जाकर खाना खाये और घर जाकर सो गये।