लखनऊ :
असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र बना अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार।
दो टूक : उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग प्रयागराज द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा का फर्जी प्रश्नपत्र बनाकर अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले गैंग के 03 सदस्यो को STF टीम ने लखनऊ के पालीटेक्निक ओवरब्रिज से गिरफ्तार कर थाना विभूतिखंड मे दाखिल कर पूछताछ कर रही है।
विस्तार :
यूपी एसटीएफ के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में हो रही प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाकर परीक्षाओं की सुचिता भंग करने का प्रयास शिक्षा माफिया द्वारा किये जाने की सूचना प्राप्त हो रही थी। जिसके सम्बन्ध में अलग-अलग परीक्षाओं के लिए पूर्व से अभिसूचना तंत्र को सक्रिय किया गया था। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज द्वारा दिनांक 16-04-2025 एवं 17-04-2025 को सहायक प्रोफेसर के पद हेतु परीक्षा आयोजित की गयी थी।
इस सम्बन्ध में आज दिनांक 20-04-2025 को विशेष सूत्रों से जानकारी हुई कि वेव सिनेमा हॉल के पीछे कुछ लोग उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में सहायक प्रोफेसर परीक्षा में प्रश्न न आने व रूपये के लेन-देन को लेकर विवाद कर रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक श्री दीपक कुमार सिंह के निर्देशन में निरीक्षक हेमन्त भूषण सिंह के नेतृत्व में उ०नि० तेज बहादुर सिंह, उ०नि० हरीश सिंह चौहान, मु०आ० विनोद यादव, मु०आ० सरताज, मु०आ० कृष्णकांत शुक्ला, मु०आ० पवन सिंह, मु०आ० सूरज सिंह, मु०आ० आलोक रंजन, मु०आ० सुनील यादव, आ० राम
सिंह की टीम द्वारा वेव मॉल के पास से उपरोक्त व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।
◆पूछताछ पर बैजनाथ पाल उपरोक्त ने बताया कि वह लाल बहादुर शास्त्री, डिग्री कालेज, सिविल लाइन गोण्डा में राजनीतिक शास्त्र का सहायक प्रोफेसर है। उसने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में सहायक प्रोफेसर पद की परीक्षा के अभ्यर्थियों को महबूब अली द्वारा तैयार किये गये फर्जी प्रश्न-पत्र देकर उनसे भारी मात्रा में रूपये वसूले जाते हैं। उसकी कपिल कुमार व सुनील कुमार को प्राणि-विज्ञान विषय का पेपर देने की बात तय हुई थी। जिसके लिए उसने एक पेपर तैयार कराके कपिल कुमार को अपने भाई विनय पाल से पढ़वाया था। जिसे पढ़वाने के बाद उसने कपिल से वह पेपर ले लिया और जला दिया था, जिससे कोई सबूत न बचे। कपिल व सुनील से अब तक कुल लगभग 12 लाख रूपये लिया है। जबकि 35 लाख रूपये प्रति व्यक्ति की बात तय हुई थी। परीक्षा देने के बाद दोनों (कपिल व सुनील) पहले से दिये रूपये भी वापस मांगने लगे थे, क्योंकि उनका कहना है कि बैजनाथ द्वारा दिये गये प्रश्न पत्र में से ज्यादातर प्रश्न नहीं आये थे लेकिन उसने कहा था कि सारे प्रश्न आयेंगे। बरामद पैसों के बारे में बताया कि यह 10 लाख रूपय उसके हिस्से के हैं जो कपिल व सुनील से उसके भाई विनय पाल ने रायबरेली में जाकर प्रश्न-पत्र देने के नाम पर लिया था। बाकी 02 लाख रूपयों में से 01 लाख रूपये महबूब अली व 01 लाख रूपये विनय के हिस्से का है।
गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना विभूतिखंड जनपद लखनऊ पर मु०अ०सं० 000/2025 धारा 112, 308(5), 318(4) बी०एन०एस० पंजीकृत कराकर दाखिल किया जा रहा है। अग्रिम विधिक कार्यवाही तद्नुसार की जा रही है।