सोमवार, 2 जून 2025

लखनऊ : ई-कोर्ट वाला जनपद में पहला हास्पिटल बना लोकबन्धु,डाक्टर ने दी गवाही।||Lucknow : Lokbandhu became the first hospital in the district to have e-court, doctor gave testimony.||

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लखनऊ : 
ई-कोर्ट वाला जनपद में पहला हास्पिटल बना लोकबन्धु,डाक्टर ने दी गवाही।
दो टूक : राजधानी लखनऊ के लोक बन्धु हास्पिटल मे सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ई- कोर्ट में पहली सुनवाई हुई। लोकबंधु के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने सुनवाई में अस्पताल में बने ई कोर्ट के जरिए अपनी गवाही दी। ई-कोर्ट के जरिए डॉक्टरों की गवाही शुरू हो गई है।
विस्तार: 
निदेशक डॉ संगीता गुप्ता ने बताया की अस्पताल के डॉक्टरों को अब गवाही के लिए सीएमओ या दूसरे जिलों में नहीं जाना होगा। इससे डॉक्टर की ओपीडी और ओटी प्रभावित नहीं होगी। 
लोकबंधु जिले का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां से अब वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए डॉक्टरों की गवाही शुरू हो गई है। दूसरे अस्पतालों में केंद्र न होने से जिले भर के डॉक्टर गवाही देने के लिए सीएमओ कार्यालय में बने ई-कोर्ट रूम में जाते रहे हैं। शासन के निर्देश पर लोकबंधु अस्पताल में एक कमरे को ई-कोर्ट बनाया गया है, जिसमें कंप्यूटर समेत अन्य जरूरी उपकरण लगाए गए हैं। लोकबंधु अस्पताल से पहली गवाही इस ई-कोर्ट से वहां के एमएस डॉ. अजयशंकर त्रिपाठी ने दी है। इससे उन्हें सीएमओ कार्यालय या कोर्ट नहीं जाना पड़ा। उन्होंने गवाही देने के साथ ही अस्पताल के काम भी निपटाए। वहीं, सीएमओ आफिस में बने ई कोर्ट रूम से अब तक 20 से अधिक डॉक्टरों की गवाही हो चुकी है। उन्हें गवाही के लिए कोर्ट की दौड़ नहीं लगानी पड़ी। 
बलरामपुर, सिविल, बीआरडी महानगर, आरएलबी समेत किसी भी अस्पताल में अभी तक ई-कोर्ट रूम की सुविधा नहीं है। सभी डॉक्टर कोर्ट एविडेंस के लिए सीएमओ कार्यालय में बने ई-कोर्ट रूम के जरिए गवाही देने आते रहे हैं। इस दौरान डॉक्टर की ओपीडी और ओटी प्रभावित होती रहती है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि पहले डॉक्टरों को विभिन्न जिलों में जाकर कोर्ट में गवाही देनी पड़ती रही है। कोर्ट में गवाही देने के लिए डॉक्टर को छुट्टी लेनी पड़ती थी, जिससे मरीजों को परेशान होती थी। अब अस्पतालों में ई-कोर्ट बनने से मरीजों को फायदा होगा। साथ ही डॉक्टरों का समय भी बचेगा और उन्हें छुट्टी नहीं लेनी पड़ेगी।