गोण्डा- बुधवार को गोण्डा में आपातकाल के 50वीं वर्षगांठ पर जिला प्रशासन द्वारा गोण्डा टाउन हाल में आयोजित चित्र प्रदर्शनी का मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान ने उद्घाटन किया। प्रदर्शनी का उद्देश्य आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों को प्रदर्शित करना है। इसका एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश उस दौरान हुई लोकतंत्र और संविधान की हत्या को कभी न भूले और उससे मिले सबक को हमेशा याद रखे।”
इससे उन्होंने सर्किट हाउस पहुंचकर पत्रकार वार्ता की और बताया कि आपातकाल में किस तरह लोकतंत्र की हत्या की गई। नागरिकों के अधिकारों को कुचला गया जिससे यह देश कभी नहीं भूल सकता। इस मौके पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि 50 साल पहले सत्ता बचाने के लिए संविधान को ताक पर रख दिया था। देश को इमरजेंसी में झोंक दिया गया। जो भी कांग्रेस विरोधी नेता थे, उन्हें जेल में ठूंस दिया गया। पत्रकारों पर सेंसरशिप लगाई गई। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों को हथकड़ी लगाकर जेल में डाला गया। कानून की धज्जियां उड़ा दी गईं। उस दौरान दिल्ली में जो कुछ हुआ, वह किसी से छिपा नहीं है।
इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर प्रभारी मंत्री ने कहा, “आपातकाल को अब 50 साल हो गए हैं और एक बड़ी पीढ़ी ऐसी है, जिसने इसे कभी नहीं देखा। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आज 70 या उससे अधिक उम्र के लोगों ने आपातकाल को झेला है, इसे करीब से झेला है और अत्याचारों को खुद देखा है। उस दौरान किए गए अत्याचार और अन्याय की सीमा को बताने के लिए पर्याप्त समय नहीं है।”
प्रभारी मंत्री ने टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि 50 साल पहले जिस तरह से देश को आपातकाल में झोंका गया था। आज सभी युवाओं को जानना चाहिए उस दौर में पूरे देश में इमरजेंसी थोप दी गई थी। लोगों को घर से उठाकर जेल में डाल दिया गया था। लोगों के अधिकारों को खत्म कर दिया गया था। उस समय की सरकार ने जिस तरह नागरिकों के अधिकारों का हनन किया था उसको आजकल के युवाओं को याद करना चाहिए। प्रभारी मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि आज हम लोग थोड़ी सी बंदिश लगने पर परेशान हो जाते हैं। याद करिए उस समय की सरकार ने लोगों को कई कई महीने तक जेल में डाले रखा था। उस समय लोगों ने यह सब कैसे झेला होगा।