बुधवार, 18 जून 2025

गोण्डा- इटियाथोक क्षेत्र की विभिन्न विजली समस्याओ को लेकर युवानेता दिनेश शुक्ला करेंगे भूख हड़ताल? उन्होंने डीएम सहित ऊर्जा मंत्री व अन्य को लिखा पत्र

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"विनय ना मानत जलध जड़ गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति।"
👉🏻 इसका अर्थ बताने की जरूरत नहीं, आप सबको पता होगा। कुछ ऐसा ही गोण्डा जिले के इटियाथोक क्षेत्र मे चल रहा है। जनता की अनेक विजली समस्याओ को लेकर युवानेता दिनेश शुक्ला ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। दरअसल, इटियाथोक क्षेत्र में हो रही अघोषित बिजली कटौती व अन्य विजली समस्याओ को लेकर पूर्व प्रधान व युवानेता दिनेश शुक्ला ने डीएम गोंडा सहित विजली विभाग के तमाम अधिकारियों को पत्र भेजा है। पत्र मे कहा है की अगर सभी समस्याओ का समाधान जल्द नहीं हुवा तो वह भूख हड़ताल करने को बाध्य होंगे।

उन्होंने इटियाथोक पावर हाउस के 5 मेगावाट के ट्रांसफार्मर की क्षमता डबल करने की मांग उठाई है। पत्र मे कहा है की पिछले 3 वर्षों से विभाग इसका प्रस्ताव बनाकर लगातार आगे भेज रहा है लेकिन आजतक इसकी क्षमता बृद्धि नहीं हुई। इस वजह से विद्युत सप्लाई पावर हाउस पर आने के बाद भी ओवरलोड होकर सप्लाई बार बार कट जाता है। पूरा क्षेत्र एक साथ नहीं चल पाता है। पूरे क्षेत्र को एक साथ चलने के लिए पावर हाउस पर ट्रांसफर की क्षमता तत्काल बढ़ाया जाए।
दूसरी मांग है की सबसे बड़े ईस्ट फीडर की आपूर्ति आये दिन ओवरलोड मे बाधित रहती है। लाइन को दो भाग मे विभाजित करना है, 90 फीसदी काम हो भी गया है। रेलवे से मिले परमिशन पर ट्रैक के नीचे अंडरग्राउंड केबल डालने का कार्य जो पूर्व में हो जाना चाहिए था वह अभी तक नहीं हो पाया है। पिछले दिनों से कहा जा रहा है की परमिशन हो गया है। यदि परमिशन हो गया है तो तत्काल केबल डालने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए जिससे एक लाख से ऊपर के आबादी को लोगों को इसका लाभ मिल सके और समस्या का निदान हो सके।
तीसरी मांग है की पिछले कई दशक से बलरामपुर फीडर अंतर्गत देहात व मुख्य बाजार को अलग करने की बात चल रही थी, जिसकी संपूर्ण कार्रवाई पूर्ण कर ली गई है। लाइन भी अलग बना दी गई, फीडर भी अलग हो गया है, लेकिन उसके बावजूद आजतक बाजार के तार को काटकर अलग नहीं किया गया। यानी यहाँ भी 90 फीसदी काम हो गया, अब पेंच फंसा है। अभी भी बाजार की सप्लाई देहात मे जुडा है। तत्काल प्रभाव से इसको अलग किया जाए जिससे कस्बा व बाजार को निर्बाध बिजली सप्लाई मिलती रहे।
चौथी मांग है की इटियाथोक कस्बे में नियुक्त सरकारी कर्मचारी जो कि अपने तरफ से प्राइवेट के चार-पांच मजदूर रखे हुए हैं और वह मजदूर सिर्फ खेमराज यादव का ही फोन उठाते हैं, रिंकू यादव किसी का फोन नहीं उठाते हैं। यहां तक की अवर अभियंता को भी कह देना पड़ता है कि वह फोन नहीं उठा रहा है और 5 साल से तैनात हैं इनको यहां से हटाया जाय और नए कर्मचारियों की नियुक्ति दी जाए। जिनकी ड्यूटी रात में भी कस्बे में लगाई जाए जिससे विद्युत सप्लाई बाधित होने पर यह कर्मचारी रात को कार्य कर सकें।
अगली मांग है की प्राइवेट मजदूर जो विद्युत की समस्या ठीक करने के लिए खंभे पर चढ़ते हैं एक उपभोक्ता का सही करते हैं और तीन उपभोक्ताओं का कनेक्शन खराब कर नीचे आ जाते हैं, फिर जिनका खराब रहता है वह उनका 100₹ देगा तो उनका ठीक होगा और फिर दूसरे का खराब कर दिया जाएगा और इसी क्रम को बनाए रखने के लिए सारा दिन शटडाउन रोस्टिंग के नाम पर विद्युत आपूर्ति गायब रहती है, इसको बंद किया जाय।
श्री शुक्ला ने भेजे हुए पत्र मे कहा है की 1 सप्ताह पूर्व उपखंड अधिकारी के मौजूदगी में स्थानीय पावर हाउस मे एनसीसी के नियुक्त जेई इटियाथोक ने यह आश्वास्त किया था कि हमें रेलवे की परमिशन मिल गई है और हम ईस्ट फीडर की समस्या जल्द ख़त्म कर देंगे और बाजार को भी अलग कर देंगे, जो कि अभी तक नहीं हुआ। पत्र मे उन्होंने कहा है की मांगों पर यदि तत्काल प्रभाव से समस्या का निराकरण करने के लिए कार्यवाही ना की गई तो वह 30 जून के बाद कभी भी जनता के साथ भूख हड़ताल पर बैठकर जन आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

=आवश्यक कार्यवाही हेतु यहाँ गई प्रतिलिपि--
प्रमुख सचिव ऊर्जा मंत्रालय उप्र सरकार लखनऊ,
मुख्य अभियन्ता विद्युत वितरण खंड देवीपाटन मंडल गोंडा।
अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण देवीपाटन मंडल गोंडा।
अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड गोंडा।
उपखंड अधिकारी विद्युत वितरण खंड धानेपुर।
अवर अभियंता विद्युत वितरण खंड इटियाथोक।