मंगलवार, 3 जून 2025

लखनऊ :10 जून को बहराइच में “विजय दिवस” के रूप में किया जाएगा आयोजन।||Lucknow:10 June will be celebrated as “Vijay Diwas” in Bahraich.||

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लखनऊ :
10 जून को बहराइच में “विजय दिवस” के रूप में किया जाएगा आयोजन।
दो टूक : मंत्री ओ पी राजभर कहा कि सपा व कांग्रेस ने महाराजा सुहेलदेव राजभर जी इतिहास से नाम मिटाने का किया प्रयास।
विस्तार :
 लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय में 
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सोमवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि चक्रवर्ती सम्राट महाराजा सुहेलदेव राजभर जी ने एक सहस्र वर्ष पूर्व भारत भूमि पर हुए आक्रांताओं के आतंक का अंत कर हमारी संस्कृति और अस्मिता की रक्षा की थी।
मोहम्मद ग़ज़नवी के सेनापति सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी जब तीन लाख की विशाल सेना के साथ भारत में लूट और विध्वंस फैलाता आगे बढ़ रहा था तब उत्तर प्रदेश की पावन धरती बहराइच में महाराजा सुहेलदेव राजभर जी ने अपराजेय समझे जाने वाले उस आक्रांता को पराक्रम के बल पर परास्त किया। यह विजय केवल एक युद्ध की जीत नहीं थी बल्कि भारतीय आत्मा की रक्षा और सम्मान का प्रतीक था।
इस अमर गाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से 10 जून को बहराइच में “विजय दिवस” के रूप में भव्य आयोजन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक दिन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की गरिमामयी उपस्थिति भी रहेगी।
बहराइच की इसी भूमि पर एक शौर्य मेले का आयोजन होगा जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोग भाग लेंगे। यह मेला न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का माध्यम होगा बल्कि नई पीढ़ी के लिए अपने गौरवशाली अतीत को जानने और आत्मसात करने का सुअवसर भी बनेगा।
अब समय है कुछ ज़रूरी सवाल पूछने का जिनका जवाब इस देश की जनता को मिलना चाहिए।
पूछा सपा और कांग्रेस से सवाल-
मैं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस पार्टी से यह पूछना चाहता हूँ—
1- क्या कुछ विशेष वोटबैंक की राजनीति के लिए आपने महाराजा सुहेलदेव राजभर जी जैसे महानायक को इतिहास से मिटाने का प्रयास नहीं किया।
2. क्यों कांग्रेस सरकार ने दशकों तक महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के वीरगाथा को इतिहास की पुस्तकों से दूर रखा ।
3. क्यों समाजवादी पार्टी ने बहराइच की भूमि पर आक्रांता सालार मसूद ग़ाज़ी की याद में मेला लगाया। उसी भूमि पर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के पराक्रम की स्मृति को क्यों भुला दिया ।
यह सवाल सिर्फ राजनीतिक नहीं यह हमारी अस्मिता हमारी विरासत और हमारे बच्चों के भविष्य से जुड़ा है।
अब सवाल यह उठता है कि महाराजा सुहेलदेव राजभर जी को जन-जन तक पहुँचाने में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की क्या ऐतिहासिक और निर्णायक भूमिका रही है:
महाराजा सुहेलदेव राजभर जी को जन-जन तक पहुँचाने में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की भूमिका अहम और स्पष्ट है.. महाराजा सुहेलदेव राजभर जी का इतिहास] भारतीय स्वाभिमान] वीरता और राष्ट्ररक्षा की एक अनमोल गाथा है। लेकिन दुर्भाग्यवश वर्षों तक उनका यशोगान इतिहास की किताबों और राजनीतिक विमर्श से दूर रखा गया। इसी अन्याय को समाप्त करने के लिए एक आवाज़ उठी — और वह आवाज़ थी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की।
इतिहास को पुनः स्थापित करने का आंदोलन-
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने एक राजनीतिक दल से बढ़कर एक सामाजिक चेतना का रूप लिया उस चेतना का] जो यह मांग कर रही थी कि महाराजा सुहेलदेव राजभर जी जैसे राष्ट्रवीर को इतिहास में उनका सम्मानजनक स्थान मिले।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने लगातार यह सवाल उठाया ।
1. जिन आक्रांताओं को केवल आक्रामकता की वजह से महत्व दिया गया]उनके नाम पर मेले] मक़बरे और मजारें बनीं।
लेकिन जिन लोगों ने भारत की आत्मा की रक्षा की] उन्हें क्यों भुला दिया गया।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने सदैव अपना ऐतिहासिक संघर्ष जारी रखा.. जैसा आपके संज्ञान मे भी है..
2. प्रत्येक राजनीतिक मंच से लगातार ऐलान होता रहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने महाराजा सुहेलदेव राजभर को सिर्फ़ एक जातीय नायक नहीं] राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया।
3- प्रत्येक मंच से गौरव गान, हर जनसभा हर रैली हर राजनीतिक मंच पर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी का पराक्रम गूंजा— यह कार्य सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने संगठित रूप से किया।
4- विजय दिवस की स्थापना की माँग
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 10 जून को विजय दिवस के रूप में मान्यता दिलाने की मांग उठाई — और आज वह दिन निकट है जब पूरा देश-प्रदेश 10 जून को विजय दिवस के रूप में मनायेगा ।
हमने शौर्य मेले और सामाजिक आयोजन के माध्यम से जगह-जगह मेले सांस्कृतिक कार्यक्रम और सभाएँ आयोजित कीं ताकि जनता] विशेषकर युवा पीढ़ी महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के गौरवशाली इतिहास से परिचित हो।
5- राज्य और केंद्र सरकारों पर पार्टी दबाव बनाती रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने सरकारों से सदैव यह माँग करती रही कि
* महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की प्रतिमा स्थापित की जाए
* विश्वविद्यालय महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के शौर्य पराक्रम और राष्ट्ररक्षा के प्रति समर्पण कि गया पाठयक्रमों में लाना, डाक टिकट, स्मारक और पार्क महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के नाम पर बनें—और इस दिशा में कई कार्य सफलतापूर्वक हुए हैं।
6- जातीय सीमाओं से ऊपर उठकर एक राष्ट्रीय नायक का स्वरूप, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने महाराजा सुहेलदेव राजभर जी को सिर्फ़ राजभर समाज का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का वीर सपूत व राष्ट्ररक्षक बताया जिससे उन्हें एक समावेशी और अखिल भारतीय पहचान मिली।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का संकल्प है कि…“हम केवल इतिहास को याद नहीं कर रहे] हम उसे पुनः लिख रहे हैं — न्याय के साथ] गर्व के साथ और आने वाली पीढ़ियों के लिए सत्य के साथ।”
अगर आज देश का बच्चा-बच्चा महाराजा सुहेलदेव राजभर जी के नाम से परिचित हो रहा है  तो उसके पीछे वर्षों की कार्यकर्ताओं की मेहनत संघर्ष और चेतना है—जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने दी है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने यह साबित किया है कि राजनीतिक संघर्ष अगर सामाजिक न्याय और सांस्कृतिक गौरव के लिए हो] तो वह जन आंदोलन बन जाता है।
मैं धन्यवाद देता हूँ हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को] जिन्होंने—
• बहराइच में महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की प्रतिमा की स्थापना की]
• चित्तौरा झील पर 5 एकड़ में भव्य पार्क बनवाया]
• उनके नाम पर विश्वविद्यालय स्थापित किया]
• और उनके सम्मान में डाक टिकट जारी कर ऐतिहासिक न्याय की दिशा में  
                 ऐतिहासिक कदम उठाया।

हम यह वचन देते हैं कि हम अपने वीर योद्धाओं के सम्मान दिलाने और आक्रांताओं के जलसों पर रोक लगाने—इन दोनों संकल्पों से कभी पीछे नहीं हटेंगे ।

इस घोषणा के साथ मैं समस्त प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूँ—
10 जून 2025 को बहराइच आइए इस गौरवशाली मेले का हिस्सा बनिए और अपने महान पूर्वज महाराजा सुहेलदेव राजभर जी को श्रद्धा के साथ नमन कीजिए।

आइए मिलकर सुनिश्चित करें कि चक्रवर्ती सम्राट राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की अमर स्मृति आने वाले प्रत्येक वर्षों में हर 10 जून को देशभर में “विजय दिवस” के रूप में जाना जाए ।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं राहुल गाँधी पर हमला करते हुए कहा कि इन दोनों ने मिलकर देश/प्रदेश में 60 वर्ष तक सरकार चलाई लेकिन किसी महापुरुष को सम्मान नहीं दिया और न ही महाराजा सुहेलदेव राजभर, अहिल्या बाई होलकर ,छत्रपति साहूजी महराज सहित तमाम पिछड़े दलित महापुरुषों कि मूर्ति लगाकर याद नहीं कर पाए NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार सभी महापुरुषों का सम्मान कर रही है और खोये हुए इतिहास को उजागर कर रही है | राजभर ने आमंत्रित किया कि राहुल गाँधी और अखिलेश यादव 10 जून को महाराजा सुहेलदेव राजभर जी का विजय दिवस मनाएं और उनको याद करे अगर ऐसा नहीं करते है, तो यह माना जायेगा कि यह सिर्फ वोट बैंक कि राजनीती करते है महापुरुषों का सम्मान करना नहीं चाहते है |
 श्री राजभर ने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मुलाकात करके प्रस्ताव रखा कि जिला पंचायत और ब्लाक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से करवाया जाएँ  जिसका प्रस्ताव एक हफ्ते में केंद्र सरकार को भेज दिया जायेगा।
अब्बास अंसारी के मामले पर कहा कि पूर्व में मऊ सदर कि सीट सुभासपा कि रही है 2017 में सुभासपा मऊ सदर में सेकेण्ड रनर रही है और 2022 में सुभासपा ने जीत हासिल किया है जबकि MP/MLA  कोर्ट ने 2 वर्ष कि सजा दिया है | सुभासपा अपने सिम्बल को बचाने के लिए उच्च कोर्ट तक जाएगी और अगर चुनाव लड़ने कि संभावना बनती है तो सुभासपा अपने सिम्बल पर NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शीर्ष नेतृत्व से बात कर अपना उम्मीदवार सुभासपा बनाएगी |
इस प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव डॉ० अरविन्द राजभर , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ० संतोष पाण्डेय, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता  अरुण राजभर , राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री पीयूष मिश्रा जी उपस्थित रहें |