सोमवार, 17 फ़रवरी 2025

अम्बेडकरनगर :पार्क की बाउंड्री वाल निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार का बोलबाला।||Ambedkar Nagar: Corruption is rampant in the construction of boundary wall of the park.||

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अम्बेडकरनगर :
पार्क की बाउंड्री वाल निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार का बोलबाला।।
।। ए के चतुर्वेदी ।।
दो टूक : अम्बेडकर नगर सीडीओ आवास के ठीक सामने चंद्रशेखर आजाद पार्क की बाउंड्री वाल के निर्माण में ठेकेदार द्वारा किया जा रहा घटिया सामग्री का दिनदहाड़े प्रयोग पीली ईट और सफेद बालू का प्रयोग बड़े पैमाने पर ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है जबकि अगर देखा जाए तो बाउंड्री वॉल के चारों तरफ जिले के अधिकारियों का ही बसेरा है। गौरतलब है कि जब मुख्यालय पर हो  रहे निर्माण कार्यों भ्रष्टाचार अधिकारी को नहीं दिख रहा है। तो आप समझ सकते हैं कि ग्राम पंचायत की हालत कैसा होगा  भले ही डबल इंजन की सरकार दुहाई दे रहा है कि उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त हो गया, लेकिन जनपद अंबेडकर नगर भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड तोड दिया जीता जागता उदाहरण अम्बेडकरनगर सीडीओ आवास के ठीक सामने चंद्रशेखर आजाद पार्क की बाउंड्री वाल के निर्माण में ठेकेदार द्वारा किया जा रहा घटिया सामग्री का दिनदहाड़े प्रयोग पीली ईट और सफेद बालू का प्रयोग बड़े पैमाने पर ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। 
 *भ्रष्टाचार की जड़ कमीशन* 
भ्रष्टाचार की जड़ बहुत गहरी भ्रष्टाचार शुरू होता है जहां से कार्ययोजना तैयार  किया जाता है वहां से भ्रष्टाचार शुरू होता है जहां से कम ठेकेदार लेता है भ्रष्टाचार वहीं पर शुरू हो जाता है बिना ही कमीशन के उसको टेंडर नहीं मिलता है। भ्रष्टाचार ऊपर से ही शुरू होता है निचले स्तर तक आते-आते वह कार्य योजना से जो निर्माण किया जाता है वह निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है सिर्फ कमिशन ही कमिशन जब जिले में ठेकेदार काम करवाने पहुंचा तो जिले के अधिकारियों को कमीशन छोटे से लेकर बड़े तक अगर 50 पैसा बचा तो 25 पैसे में ठेकेदार को चाहिए 25 पैसे में निर्माण होना है तो आप समझ सकते हैं गुणवत्तापूर्ण निर्माण होगा सब जानते हैं कि भ्रष्टाचार कितने ऊपर तक फैला हुआ है। भले ही डबल इंजन की सरकार कह रही है की उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त हो गया है लेकिन उत्तर प्रदेश भ्रष्टाचार युक्त हो गया है इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाना सरकार के लिए चुनौती साबित हो रहा है। फिलहाल अगर देखा जाए तो यह भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पाना सरकार के बस की बात नहीं सवाल यह उठ रहा है कहीं ऐसा तो नहीं  इस भ्रष्टाचार सरकार  का भी तो शेयर नहीं ऐसे बहुत से सवाल जनता के मन में गुंजता है। जनता कहती हैं अगर सरकार चाहे तो भ्रष्टाचार मुक्त हो सकता है लेकिन ऐसा दिखाई नहीं पड़ता की सरकार ऐसा चाहती हो फिलहाल  देखना यह होगा इस भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा या जिस फार्म पर ठेकेदार  टेंडर लेकर भ्रष्टाचार कर रहा है ब्लैकलिस्टेड होगा या फिर ऐसा ही ठेकेदार भ्रष्टाचार का खेल खेलते रहेगा ऐसे बहुत से सवाल अभी बने हुए हैं