शुक्रवार, 2 मई 2025

मध्य प्रदेश :सिर्फ पृथ्वी पर सुलभ है भागवत कथा; इसका सदैव पान करे -इंद्रेशजी महाराज।Madhya Pradesh : Bhagwat Katha is available only on earth; always read it - Indreshji Maharaj.||

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मध्य प्रदेश :
सिर्फ पृथ्वी पर सुलभ है भागवत कथा; इसका सदैव पान करे -इंद्रेशजी महाराज।
दो टूक : स्वामी महेन्द्रानन्द जी द्वारा आयोजित शिवसमारधना महायज्ञ व श्रीमदभागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ के द्वितीय दिवस* में भागवत भूषण परम पूज्य इंद्रेशजी महाराज ने श्रीमद्‌भागवत का मंगलाचरण करते हुए कहा भागवत में परम सत्य का चिन्तन किया गया है। भागवत में निष्कपट परम धर्म का निरुपण किया गया है। भागवत की विशेषता यह है कि इसके श्रवण से स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हृदय में आकर अवरुद्ध हो जाते है। भगवान को हृदय में बसाने का माध्यम यह सद्‌ग्रंथ है। श्रीमद्‌भागवत वेद रूपी कल्प वृक्ष का परिपक्व फल है। शुकदेव रूपी तोते की चंञ्चुका स्पर्श ने इसे और भी मधुर बना दिया है। यह सिर्फ पृथ्वी वासियों के सद्‌भाग्य से सुलभ हुआ है, अतः भगवद्‌भक्त रसिको को इसका सदैव पान करना चाहिए। आगे इन्द्रेश जी ने  बताया भागवत की रचना व्यास जी के द्वारा की गई, नारद जी के चरित्र व परीक्षित चरित्र वर्णन किया। 
अपार जनसमुदाय पवई धाम सरकार, पाटन में उमड़ रहा है। 
यह कथा दो० 3 बजे से 6 बजे तक दिनांक 7 मई 2025 तक चलेगी। 
नित्य प्रातःकालीन सत्र में 8 बजे से 12 बजे तक युग विभूति विदुषी ऋचा गोस्वामी द्वारा श्री शिवसमाराधन अनुष्ठान में 51 यजमानों से रुद्राभिषेक व शिव पूजन कराया जाता है। 
सायं 7 बजे से 10 बजे तक ज्योतिष दरबार में ऋचाजी से कुण्डली परामर्श कराकर अधिकांश भक्त लाभान्वित हो रहे है।श्री गणेशाय नमः 
02.05.25 आज का दिन परम मंगल मय है आज ही भगवत्पाद श्रीशंकराचार्य जी का प्राकट्‌य दिवस है। श्रीशंकराचार्य जी भगवान शंकर के अवतार हैं भगवान् शंकर स्वयं धर्म रक्षा के लिये शंकराचार्यजी के रूप में भारतभूमि के केरल प्रान्त के काडली नाम ग्राम में अवतरित हुये थे। आठ वर्ष की आयु में आचार्य शंकर चारों बेदों के के ज्ञाता हो गये थे।
उन्होंने अधर्म का उन्मूलन किया अनात धर्म की पुन स्थापना की, आज आचार्यक जन्म दिवस है, उन्हें कर बार-बार प्रणाम ।
उक्त अशिय के विचार पूज्य इंद्रेश जी महाराज ने पवईधाम  में यज्ञ में व्यक्त किये
आज पूज्य आचार्य श्रीरामानुजाचार्य जयन्ती भी है, तथा सूरदासजी ने आज के दिन ही अपने देह का त्याग किया था।
स्वामी महिंद्रानंद जी ने शंकराचार्य जी के जन्मदिन की बधाई दी ।श्री गणेशाय नमः 
02.05.25 आज का दिन परम मंगल मय है आज ही भगवत्पाद श्रीशंकराचार्य जी का प्राकट्‌य दिवस है। श्रीशंकराचार्य जी • भगवान शंकर के अवतार हैं भगवान् शंकर स्वयं धर्म रक्षा के लिये शंकराचार्यजी के रूप में भारतभूमि के केरल प्रान्त के काडली नाम ग्राम में अवतरित हुये थे। आठ वर्ष की आयु में आचार्य शंकर चारों बेदों के के ज्ञाता हो गये थे।

उन्होंने अधर्म का उन्मूलन किया अनात धर्म की पुन स्थापना की, आज आचार्यक जन्म दिवस है, उन्हें कर बार-बार प्रणाम ।

उक्त अशिय के विचार पूज्य इंद्रेश जी महाराज ने पवईधाम  में यज्ञ में व्यक्त किये

आज पूज्य आचार्य श्रीरामानुजाचार्य जयन्ती भी है, तथा सूरदासजी ने आज के दिन ही अपने देह का त्याग किया था।
स्वामी महिंद्रानंद जी ने शंकराचार्य जी के जन्मदिन की बधाई दी।
सर्वेश पचौरी (पटेल) की मुख्य यजमान ने भागवत कथा श्री श्याम मनोहर जी पचौरी मुख्य यज्ञ यजमान ,श्री विष्णु शंकर पटेल, सह यजमान श्री लाल सिंह यादव ,श्री राकेश पचौरी, श्री योगेश गोर मथुरा श्री इन्द्र सिंह यादव,श्री प्रमोद पलहा, इन्द्र कुमार चौधरी (मुन्ना भैया), श्री बलराम यादव आयोजन प्रभारी, हरकृष्ण पचौरी अध्यक्ष आयोजन समिति , जितेंद्र पचौरी मीडिया प्रभारी , श्री नवनीत माहेश्वरी श्रीमती सुनीति माहेश्वरी ,श्री गोरी शंकर तिवारी , मनोज पटेल , देवेंद्र सिंह , विभव पचौरी , एवं पवई धाम सेवा समिति  पवई धाम में भंडारा प्रबंधन मुकेश सिंह ठाकुर  आदि ने श्रीमद्‌भागवत पूजन किया।