गोण्डा- कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में जनपद के विभिन्न गोआश्रय स्थलों के निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों के संबंध में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने बैठक में गोआश्रय स्थलों में पाई गई कमियों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप निराश्रित एवं बेसहारा गोवंश की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निरीक्षण के दौरान कुछ स्थलों पर चारे, पानी, शेड तथा साफ-सफाई की व्यवस्था में कमी पाई गई थी, जिसे शीघ्र ही दुरुस्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गोआश्रय स्थल पर प्रतिदिन गोवंश की गणना, उनके स्वास्थ्य की निगरानी, टीकाकरण एवं चारे की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से सभी गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण करें और निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों, नगर पालिका अधिकारियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से भी गोसेवा में सक्रिय सहभागिता की अपील की। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि समाज का नैतिक दायित्व भी है कि निराश्रित गोवंश की समुचित देखभाल सुनिश्चित की जाए।
बैठक के दौरान जनपद के सभी गौशालाओं में हरिशंकरी एवं सहजन के वृक्षों का वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए गए हैं तथा निरीक्षण में पाई गई कमियां, शेड की मरम्मत, भूसा गोदाम की मरम्मत, पानी की टंकी एवं चारा नाद की मरम्मत, फ्रेसिंग की मरम्मत, अप्रोच्य रोड व खडंजा निर्माण, विद्युत कनेक्शन, जलभराव की समस्या, सोलर लाइट तथा सोलर पंप आदि सभी व्यवस्थाओं को समय से दुरुस्त करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि वे अपने अपने क्षेत्र के गोआश्रय स्थलों का भौतिक सत्यापन कर आवश्यक सुधार कार्यों को शीघ्र पूरा करें तथा सप्ताहिक रिपोर्ट उनके कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए, डीसी एनआरएलएम, जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी एसके शर्मा, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, समस्त पशु चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।